“जयशंकर प्रसाद की कहानियां शिल्प का ताजमहल है” इस कथन की सत्यता पर प्रकाश डालिए।
उत्तर
जयशंकर प्रसाद मूलत छायावादी या स्वच्छंदतावादी कहानीकार है इनकी पहली कहानी ग्राम 1911 में प्रकाशित हुई थी तथा अन्य सभी कहानियां 5 कहानी संग्रह यथा— छाया, प्रतिध्वनि, आकाशदीप, आंधी, तथा इंद्रजाल में संग्रहित है।
जयशंकर प्रसाद की कहानियां में राष्ट्रवाद और सांस्कृतिक आदर्शवाद जैसे तत्व मौजूद रहते हैं। जिसके कारण उनकी कहानियों के केंद्र में देश प्रेम जैसे विषय होते हैं।
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जयशंकर प्रसाद मूलत छायावादी या स्वच्छंदतावादी कहानीकार है इनकी पहली कहानी ग्राम 1911 में प्रकाशित हुई थी तथा अन्य सभी कहानियां 5 कहानी संग्रह यथा— छाया, प्रतिध्वनि, आकाशदीप, आंधी, तथा इंद्रजाल में संग्रहित है।
जयशंकर प्रसाद की कहानियां में राष्ट्रवाद और सांस्कृतिक आदर्शवाद जैसे तत्व मौजूद रहते हैं। जिसके कारण उनकी कहानियों के केंद्र में देश प्रेम जैसे विषय होते हैं।
प्रसाद की कहानियों में शिल्पगत विशेषताएं
- सामाजिक यथार्थ से ज्यादा महत्व उन्होंने व्यक्ति के मन के भीतर विद्यमान मानसिक यथार्थ को दिया है।
- उनकी कहानियों के नारी चरित्र अत्यंत प्रभावशाली है जो अपने समर्पण से पाठक के मन पर प्रभाव छोड़ते हैं।
- शैली की दृष्टि से प्रसाद ने वर्णनात्मक शैली का प्रयोग किया है किंतु पत्र शेली तथा आत्मकथा शैली में भी कुछ कहानियां लिखी है जैसे ग्रामगीत।
- प्रसाद की कहानियों की भाषा अत्यंत ही काव्यात्मक भावमयी है जिसमें बिंब, प्रतीक व लय जैसे तत्व घनत्व के साथ उपस्थित है।