सूफी काव्य की प्रमुख प्रवृतियां
1. अधिकांश कवि मुसलमान है तथा उन्होंने मसनवी शैली का प्रयोग किया है।
2. इनके काव्य ग्रंथ स्वच्छंद प्रेम का चित्रण करने वाली साहसिक प्रेम कथाओं के अंतर्गत आते हैं।
3. इन प्रेमाख्यान का नामकरण प्रायः नायिका के नाम पर किया गया है यथा– पद्मावत, हंसावली, मधुमालती आदि।
4. इनमे सभी कथानक रूढ़ियों का पालन किया गया है यथा– स्वपनदर्शन, मंदिर या उपवन में दोनों का मिलन, अलौकिक शक्तियों द्वारा सहायता, उड़ने वाली राजकुमारियां आदि।
5. हिंदू संस्कृति तथा लोकपक्ष का चित्रण प्रायः सभी प्रेमाख्यानकों में हैं।
6. श्रृंगार रस की प्रधानता तथा वस्तु वर्णन प्रमुख हो गया है।
7. खंडन–मंडन की प्रवृत्ति का अभाव दिखाई देता हैं।
8. अवधी भाषा का प्रयोग किया गया हैं।
9. इन ग्रंथों में दोहा–चौपाई शैली (कड़वक शैली) का प्रयोग हुआ हैं।
10. नायक को प्रायः राजकुमार दिखाते हुए उसे सहृदय, साहसी, प्रेमी एवं परदुःखकातर बताया जबकि नायिका को सुंदरी, रूपगर्विता, बुद्धिमती राजकन्या के रूप में दिखाया है।
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